व हीं किसानों की शिकायत पर विधायक शशांक भार्गव सायलो खरीदी केंद्र पहुंचे। वहां उन्होंने प्रबंधक से चर्चा की और रिजेक्ट किए गए गेहूं के सैंपल देखें। उन्होंने प्रबंधक से कहा कि गेहूं गुणवत्ता युक्त है, सिर्फ बारिश से चमक चली गई। इसे खरीदा जा सकता है। इस पर प्रबंधक विवेकानंद घोष ने कहा कि इस तरह के गेहूं को खरीदने की उन्हें परमिशन नहीं है। इस दौरान किसानों ने कहा कि इस तरह की सूचना पहले ही दे दी जाती तो उन्हें अनाज से भरी ट्रॉली लेकर यहां नहीं आना पड़ता। विधायक ने किसानों को आश्वस्त किया कि इस संबंध में प्रधानमंत्री को पत्र लिखा जाएगा। इस दौरान किसान नेता मोहर सिंह रघुवंशी एवं नंदकिशोर शर्मा भी मौजूद रहे।
जिले के अन्य खरीदी केंद्रों पर भी ऐसी ही नौबत बनी। देवखजूरी खरीदी केंद्र से जुड़े किसानों ने बताया कि यहां किसान गेहूं बेंचने पहुंचे थे लेकिन केंद्र में कुछ अधिकारी आए और सोसायटियों के कर्मचारियों को चमक विहीन गेहूं खरीदने का मना कर दिया। इससे किसानों को अपना अनाज वापस लेकर जाना पड़ा। खरीदी केंद्र करारियाए कागपुर आदि कई केंद्रों में भी ऐसी ही स्थिति बनी और किसान बारिश से प्रभावित हुए अपने गेहूं को खरीदी केंद्र पर नहीं बेच पाए।
इ सी तरह ग्राम पडऱात के किसान बहोरसिंह दांगी, विनोद दांगी ने बताया कि उन्हें 150 क्विंटल अनाज का मैसेज मिला था। वे 30 किलोमीटर दूर से इस सायलो केंद्र आए 1 हजार रुपए डीजल पर खर्च हुआ। 300 रुपए ट्रॉली में अनाज भरवाई लग गई। 500 रुपए ट्रैक्टर चालक को दिए और ढाई हजार रुपए किराए की ट्रॉली में खर्च हो गए। इस तरह 5 हजार रुपए उनके खर्च हो गए और गेहूं बिका नहीं। सफेद गेहूं बताकर उन्हें वापस किया जा रहा है।
गे हूं के सैंपल रिजेक्ट होने से नाराज ग्राम कुआखेड़ी के किसान राजेश भावसार ने बताया कि पूर्व वर्षों में भी गेहूं की फसल बारिश से प्रभावित होती आई है लेकिन हमने इसी केंद्र पर ऐसा गेहूं बेचा पर इस वर्ष मना कर रहे हैं। वे 40 क्विंटल गेहूं लेकर 20 किलोमीटर दूर से आए थे और सैंपल रिजेक्ट कर देने से अब उन्हें बिना अनाज बेचे लौटना पड़ रहा है।
-रश्मि साहू, जिला खाद्य अधिकारी