यह कहना है कि रवि के पिता हरभजन कुशवाह का। अपने पुत्र की मौत से व्यथित हरभजन कुशवाह ने जिला अस्पताल में शव के पीएम के दौरान बताया कि बीती रात 11 बजे रवि का फोन आया था। कह रहा था पापा मैं सोसाइड कर रहा हूं। मैंने उससे बात करना चाहा पर वह रो पड़ा और फिर उसका फोन बंद हो गया। कुशवाह ने बताया कि वह राजपूत कॉलोनी से बजरिया जयस्तंभ स्थित सरकारी आवास आया जहां वह तार से फांसी लगाए हुए मिला। फंदे में उसकी दोनों हाथों की उंगलियां फंसी हुई थी। सांसें चल रही थीं।
वह व अन्य परिजन तत्काल उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे जहां करीब एक घंटे उपचार चलने के बाद उसे भोपाल रेफर किया, लेकिन सांची तक पहुंचते ही रवि की मौत हो गई और उसे पुन: जिला अस्पताल लाए। सुबह पीएम के दौरान बड़ी संख्या में परिजन एकत्रित रहे। पिता ने बताया कि वह चार भाइयों में छोटा पुत्र था।
सगाई की थी तैयारी परिजन दिनेश कुशवाह ने बताया कि रवि मिलनसार था। तिलक चौक पर उसकी चश्मे, बेल्ट व अन्य जनरल सामान की उसकी दुकान थी। रवि की सगाई की भी तैयारी थी। उसे देखने के लिए लड़की वाले आने वाले थे। यह सब कैसे हो गया समझ नहीं आ रहा। इधर कोतवाली पुलिस ने मर्ग कायम कर मामला जांच में लिया है।
इधर, नाबालिग कैदियों को तलाशने किया भ्रमण राजगढ़ में जिले जेल में बंद 18 वर्ष से कम उम्र के कैदियों की जानकारी के लिए बुधवार को किशोर न्याय बोर्ड के सदस्यों ने जेल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान सदस्य जेल की सभी बैराकों में गए और वहां रहने वाले कैदियों से पूछा की आप में से कोई 18 वर्ष से कम का हो तो जानकारी दें। इस दौरान दो कैदी ऐसे देखे गए जिनकी उम्र 18 वर्ष से कम होने की संभावना लग रही थी। इस पर सदस्यों ने जेल प्रबंधन से उनकी उम्र के दस्तावेज तीन दिन में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उल्लेखनीय है कि 18 वर्ष से कम उम्र के किशोरों ं को सामान्य कैदियों के साथ रखा जाना उचित नहीं है। निरीक्षण में किशोर न्याय बोर्ड के प्रधान न्यायाधीश जितेन्द्र मैहर, सदस्य साकेत शर्मा, रश्मि तिवारी,बाल सरंक्षण इकाई के परिवीक्षा अधिकारी आशुतोष तिवारी, जेलर जेएल मंडलोई मुख्य रूप से मौजूद थे।