यह वह पवित्र स्थान है जहां सिखों के नौवें गुरु गुरु तेग बहादुर को नौ दिन तक बंदी बनाकर रखा गया था। यहां अखंड ज्योति भी है।
आगरा-दिल्ली मार्ग पर सिकंदरा के निकट है गुरुद्वारा दुख निवारण गुरु का ताल। इसे गुरुद्वारा गुरु का ताल के नाम जाना जाता है। गुरुद्वारा में चौबीसो घंटे लंगर चलता है।
कहा जाता है कि यहां सिखों के गुरु तेग बहादुर के चरण पड़े थे। यहीं से उन्हें औरंगजेब ने गिरफ्तार किया था। गुरुद्वारा गुरु का ताल में ही भोरा साहिब जी हैं।
यहां एक गुफा है जहां चौबीसो घंटे गुरु ग्रंथ साहिब जी का पाठ चलता रहता है। दावा किया जाता है कि इसके दर्शन मात्र से कष्ट दूर हो जाते हैं।
बताया जाता है कि श्री गुरु नानक देव महाराज जब दक्षिण पर थे तब वापसी के समय वे 1509 से 1510 ईसवी में आगरा आए। श्री गुरु हरगोबिंद साहिब 1612 ईसवी में आगरा पधारे। श्री गुरु तेग बहादुर साहिब का 1675 ईसवी में आगमन हुआ।