बांदा

मकर संक्रांति पर यहां लगता है ‘आशिकों का मेला’, पूरी होती है हर मन्नत


Sanjana Singh

10 January 2025

मकर संक्रांति को अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में इस दिन आशिकों का मेला लगता है, जिसकी चर्चा दूर-दूर तक है।

इतिहासकारों के मुताबिक, करीब 600 साल पहले भूरागढ़ दुर्ग के किलेदार की बेटी को नटवीरन नामक युवक से प्रेम हो गया। बेटी की जिद पर किलेदार ने शर्त रखी कि नटवीरन को बामदेवेश्वर पर्वत से किले तक कच्चे धागे की रस्सी पर चलकर आना होगा।

मकर संक्रांति के दिन नटवीरन ने शर्त पूरी करने की कोशिश की। जब वह नदी के बीच कच्ची रस्सी पर पहुंचा, तो किलेदार ने रस्सी काट दी। नटवीरन नदी में गिरकर चट्टानों पर अपनी जान गंवा बैठा।

नटवीरन की मौत के बाद उनकी याद में एक समाधि बनाई गई। यह स्थान प्रेम और बलिदान का प्रतीक बन गया है। मकर संक्रांति के अवसर पर हजारों प्रेमी जोड़े इस समाधि पर अपनी मन्नतें मांगने आते हैं।

यह मान्यता है कि नटवीरन की आत्मा उन्हें आशीर्वाद देकर उनके प्यार को सफल बनाती है।