हर्रा/हरड़ - छिंदवाड़ा, जबलपुर, बालाघाट और बैतूल क्षेत्र में पाया जाने वाला यह पौधा पेट और लीवर के लिए रामबाण है।
चिरायता - पचमढ़ी की सतपुड़ा पहाड़ियों में उगने वाला यह पौधा ब्लड और शुगर लेवल को स्थिर रखने में कारगर है।
खपरा साग - जमीन में उगने वा यह छोटा पौधा खून की कमी जैसे एनीमिया की बिमारी को ठीक करने के काम आता है।
गुलाबकावली - अमरकंटक की मैकल पहाड़ी में मिलने वाला यह औषधीय पौधा आंखों की जलन और खुजली, सरदर्द, सूजन, गठिया जैसी दिक्कतों से निजात दिलाता है।
चिरचिटा/लटजीरा - त्वचा से जुडी समस्याओं को ठीक करने में उपयोग होने वाला यह पौधा जबलपुर जिले में पाया जाता है।
हड़जोड़ - खंडवा जिले में उगने वाला यह पौधा हड्डियों को मजबूत करने और उन्हें जोड़ने में कारगर है।
कैथा/कपित्थल - यह पौधा आंखों के रोग और कान के दर्द को ठीक करने में काम आता है जो की नर्मदा नदी के तटीय क्षेत्रों में पाया जाता है।
इंद्रायण - अर्थराइटिस, मोटापा, महिलाओं में अनियमित पीरियड्स जैसी दिक्कतों से निजात दिलाता है पंचमढ़ी में मिलने वाला ये पौधा।