भोपाल

एमपी की प्राचीन गुफाएं जिनके गर्भ में हर युग के रहस्य समाए


Akash Dewani

21 October 2024

भीमबेटका (रायसेन) : रायसेन में स्थित यह एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है जहां 30 हजार साल से भी ज़्यादा पुरानी शैल चित्र है।

पार्वती गुफाएं (भोपाल) : 11वीं सदी के परमार राजवंश से जुड़ी इन गुफाओं में अधूरे शैल कट मंदिरों और मूर्तियों के अवशेष हैं।

उदयगिरि गुफाएं (विदिशा) : ये गुफाएं चौथी-पांचवीं सदी में बनाई गई गुप्त काल की हैं जो हिंदू देवी-देवताओं के शिलालेखों और मूर्तियों से सजी हैं।

बाघ गुफाएं (धार) : यह गुफाएं बौद्ध वास्तुकला और सुंदर भित्ति-चित्रों के लिए प्रसिद्ध हैं। इनका निर्माण 7वीं सदी में हुआ था।

पातालपानी गुफाएं (इंदौर) : यह गुफा पातालपानी झरने के करीब स्थित है जहां माना जाता हैं कि महाभारत काल में पांडवों ने अपने निर्वासन के दौरान यहां विश्राम किया था।

माडा गुफाएं (सिंगरौली) : इस गुफा में नटराजन मूर्ति, वानरों और देवी देवताओं के चित्र है। माना जाता है यहां रावण और मंदोदरी का विवाह हुआ था।

सरू मारू गुफाएं (सीहोर) : यह एक मठ परिसर और बौद्ध गुफाओं का स्थल है जहां कई स्तूपों के साथ अशोक के दो शिलालेख पाए गए है।

सरू मारू गुफाएं (सीहोर) : यह एक मठ परिसर और बौद्ध गुफाओं का स्थल है जहां कई स्तूपों के साथ अशोक के दो शिलालेख पाए गए है।