Heart attack: राजधानी भोपाल में हार्ट अटैक के आकड़े बढ़ रहे है। हर साल दिसंबर जनवरी माह में दिल के दौरे के चलते आने वाले मरीजों की संया में 25 फीसदी तक वृद्धि होती है।
Heart attack: हमीदिया अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. राजीव गुप्ता के के अनुसार कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) और डिफिब्रिलेशन (शॉक) प्राथमिक उपचार है। सही समय पर सीपीआर से कई जान बचाई जा सकती हैं।
Heart attack: ट्रिपल सी को फॉलो करके हार्ट अटैक से बचा जा सकता है। ट्रिपल सी का अर्थ चेक, कॉल और कंप्रेस है। पहले चेक यानी बेहोश मरीज की गर्दन के पास से ही पल्स चेक करें। इसके साथ उसकी सांस चल रही है या नहीं इसकी जांच करें। इसके बाद तत्काल एंबुलेंस को कॉल करें। अंतिम सी के तहत कंप्रेस यानी पल्स व सांस नहीं चल रही तो सीपीआर दें।
Heart attack symptoms: सीने में दर्द होना, थौड़ा टहलने पर भी पैरों में दर्द होना, लगातार खर्राटा लेना व सोते समय पर्याप्त ऑक्सीजन न खींच पाना तो अलर्ट हो जाएं।
Heart attack symptoms: शरीर के ऊपरी भाग में यानी गर्दन, पीठ, जबड़े, भुजाएं और कंधे की हड्डी में तेज दर्द होना तो भी अलर्ट हो जाएं।
Heart attack symptoms: चक्कर आना, अचानक पसीना आना, बेचैनी महसूस करना, सिर घूमना, जीमचलाना तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं ।