बैसाखी- वैशाख महीने (अप्रैल) के पहले दिन सिख समुदाय इस दिन को सिख खालसा के गठन के रूप में मनाता है।
चैत्र नवरात्री- यह हिंदू नव वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है।हिंदू नववर्ष विक्रम संवत की शुरुआत चैत्र माह (मार्च-अप्रैल) की अमावस्या से होती है।
उगादी- यह आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक का नव वर्ष उत्सव है। यह भी चैत्र महीने के पहले दिन मनाया जाता है।
गुड़ी पड़वा- चैत्र महीने के पहले दिन को महाराष्ट्र में भी नए साल का जश्न मनाया जाता है। छत्रपति शिवाजी महाराज ने शालिवाहन की शकों पर विजय पाया था।
कोल्लवरशम- यह केरल का नव वर्ष है जो मलयाली कैलेंडर के चिंगम माह (अप्रैल) का पहला दिन होता है।
चेटी चंड- सिंधी नव वर्ष की शुरुआत का जिसे सिंधियों द्वारा झूलेलाल के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। ये भी चैत्र माह के दौरान मनाया जाता है।
नवरेह- कश्मीरी हिंदुओं का नववर्ष है जो चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की पहली तारीख को देवी शारिका को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है।
जूड शीतल- मैथिली नव वर्ष के रूप में बिहार, झारखंड और नेपाल में मैथिलियों द्वारा हर साल 14 अप्रैल को मनाया जाता है।
नवरोज़- ईरानी नव वर्ष है, भारत में पतेती के अगले दिन पारसी लोग नवरोज़ मनाते हैं। यह भारत में 16 अगस्त लेकिन दुनिया में 21 मार्च को मनाया जाता है।
इस्लामिक नव वर्ष - चंद्र हिजरी कैलेंडर में मुहर्रम के पहले दिन से शुरू होता है। यह दिन 622 ई. में पैगम्बर मुहम्मद के मक्का से मदीना प्रवास का भी प्रतीक है।