मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से 70 किमी दूर स्थित सलकनपुर मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता जुटता है। बिजासन माता के दर्शन के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं।
दतिया में स्थित मां पीतांबरा मंदिर को राजसत्ता की देवी भी माना जाता है।
शाजापुर के नलखेड़ा में स्थित मां बगलामुखी देवी का मंदिर है। यहां पर मां बगलामुखी की स्वयंभू प्रतिमा है, जो शमशान क्षेत्र में स्थित है
मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में स्थित है बिजासन माता मंदिर। मंदिर 800 फीट ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। यहां पर देवी नौ स्वरूपों में दर्शन देती हैं।
जबलपुर के भेड़ाघाट में माता चौसठ योगिनी का प्रसिद्ध मंदिर स्थित है। यहां पर मान्यता है कि मां दुर्गा के साथ 64 योगिनियां निवास करती हैं
रतलाम जिले में कालिका माता मंदिर है। जिसे चमत्कारी माना जाता है। यहां मान्यता है कि जब भक्त माता कालिका की प्रतिमा के सामने खड़े होते हैं तो उसके शरीर में विशेष प्रकार की ऊर्जा संचार होता है।
मांढरे माता का मंदिर ग्वालियर में कैंसर पहाड़ी पर स्थित है। यहां अष्टभुजा महिषासुर मर्दनी विराजित हैं। यह मंदिर 140 वर्ष से अधिक प्राचीन बताया जाता है।
मध्यप्रदेश के अमरकंटक स्थित नर्मदा नदी के उद्गम पर शोणदेश स्थान पर माता का दायां नितंब गिरा था।