भोपाल

एक बार फिर भोपाल बन रहा 'Gas Chamber', ये है इसकी वजह


Akash Dewani

3 December 2024

40 साल पहले 3 दिसंबर को दुनिया की सबसे बढ़ी औद्योगिक त्रासदी ने भोपाल को 'गैस चेंबर' में बदल दिया था।

इसमें करीब 3787 लोगों की जान शुरुआती 3 दिन में गई थी। हालांकि, अब एक बार फिर भोपाल गैस चेंबर बन रहा है।

शहर में लगातार वाहनों की बढ़ोतरी हुई है, जिससे CO2 और NOx जैसे हानिकारक गैस का एमिशन होता है।

यहां लगातार निर्माण कार्य चल रहा है, जिससे बड़ी मात्रा में धूल हवा में उड़ती है। इसमें मेट्रो और फ्लाईओवर का निर्माण कार्य बड़ी भूमिका निभा रहा है।

सड़कों की हालत भी वायु प्रदुषण के बढ़ने में अपना योगदान दे रही है। खराब सड़कें और उन पर दौड़ती गाड़ियां हवा में धूल की मात्रा को बढ़ा रही है।

यहां कचरे को जलाने की भी प्रथा है, जिसके कारण बड़ी मात्रा में सल्फर डाइऑक्साइड हवा में मिल जाता है।

पंजाब की तरह यहां भी किसान अपनी फसल या परली को जलाते हैं जिससे वायु प्रदुषण लगातार बढ़ रहा है।

भोपाल के आस-पास केमिकल और अन्य इंडस्ट्रीज से निकलने वाला टॉक्सिक धुंआ सबसे बड़े करक में से एक है।

एक अध्ययन में यह भी पाया गया है कि पंजाब और दिल्ली से आने वाली हवा भी 20% तक एमपी की हवा को खराब करती है।