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साइबर ठगी का गढ़ बन चुके जामताड़ा के दर्जनभर गांवों के हालात जानने पत्रिका टीम ने तीन दिन किया दौरा.
पूर्व साइबर ठगों से बात की, बातचीत में ऐसे खुलासे हुए कि कई चेहरे बेनकाब हो गए.
जामताड़ा के करमाटांड ब्लॉक पहुंची टीम ने झिलुआ गांव का दौरा किया. ये वही गांव जहाे से साइबर क्राइम की शुरूआत हुई थी.
यहां आलीशान मकान, लेकिन हर 5वें मकान पर पुलिस के खौफ का ताला लटका मिला, दूर-दूर तक पसरा था सन्नाटा.
इस दौरान पत्रिका टीम की पड़ताल में सामने आया कि पैसा खपाने के लिए ठगों ने एक से ज्यादा घर बनवा रखे हैं.
यहां युवा दिन में घरों में नहीं मिलते, जंगलों में बैठकर देशभर में साइबर क्राइम का रैकेट चलाते हैं.
चौंकाने वाली बात ये है कि यहां हर गांव में मोबाइल टावर लगे हैं और शहर से बेहतर रहता है नेटवर्क.
साइबर क्राइम की जांच-पड़ताल के लिए यहां अलग से थाना है, लेकिन पुलिस को ज्यादा रिकॉर्ड नहीं मिल पाते. इस साल 2024 में 120 साइबर ठग पकड़े गए. जिनके पास से पुलिस ने चेक बुक, लैपटॉप, सिम, कैश भी जब्त किया.