भुट्टे का कीस : मसालों और दूध के साथ पकाए गए मक्के से बना यह मालवा क्षेत्र का अनूठा व्यंजन मलाईदार और स्वादिष्ट होता है।
दाल पनिया :बैगा और गोंड जनजातियों का एक व्यंजन, जिसे छोटी आटे की टिकिया या पनिया से बनाने के बाद गाढ़ी दाल के साथ परोसा जाता है।
चक्की की शाक : नर्मदा नदी के पास रहने वाले आदिवासी इलाकों में यह व्यंजन बनाया जाता है। इसे गेहूं आटे से बनी पकौड़ी को छाछ की ग्रेवी में भिगोकर परोसा जाता है।
कोदो-कुटकी खिचड़ी : गोंड और बैगा जनजाति द्वारा यह व्यंजन बनाया जाता है। इसे छोटे बाजरे के दानों (कोदो और कुटकी)और मसालों का उपयोग कर दाल की तरह परोसा जाता हैं।
पंचमढ़ी का मुर्ग : पचमढ़ी की कोरकू जनजाति द्वारा यह व्यंजन बनाया जाता है। यह एक चिकन डिश है जिसे चिकन को मेरीनेट कर खुली आंच पर मसालों के साथ पकाया जाता है।
ज्वार भाकरी :ज्वार के आटे से बनी चपटी रोटी भील जनजाति के बीच लोकप्रिय मुख्य भोजन है।
मावा बाटी :खोया, आटा और सूखे मेवों से बनी एक मीठी मिठाई, जो मालवा और निमाड़ के आदिवासी क्षेत्रों में लोकप्रिय है।