भोपाल

Mansur Ali Khan Pataudi : भारत के जांबाज क्रिकेटर की कहानी


Avantika Pandey

8 January 2025

मंसूर अली खान पटौदी का जन्म मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 5 जनवरी 1941 में हुआ था। एमपी के पटौदी ने पूरी दुनिया में एक मिसाल पेश की, जिसे आज भी लोग बड़े उत्साह से याद करते हैं। जानिए जांबाज युवा कप्तान का हैरान करने वाला किस्सा...

सिर्फ 16 साल की उम्र में उन्होंने इंग्लैंड की काउंटी टीम ससेक्स के लिए साल 1957 में फर्स्ट क्लास डेब्यू किया था। अगले 4 सालों तक मेहनत करते हुए मंसूर इंटरनेशनल डेब्यू की ओर बढ़ रहे थे। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।

साल 1961 में मंसूर अली खान एक भीषण सड़क हादसे का शिकार हो गए। सड़क हादसे में कांच के टुकड़ें मंसूर अली खान की आंखों में घुस गई। इसके चलते उनका देख पाना भी मुश्किल हो गया। हालांकि डॉक्टरों ने किसी तरह उनकी एक आंख बचा लिया।

20 साल की उम्र में हुए इस हादसे ने उनके क्रिकेट करियर को खत्म करने की पूरी कोशिश की लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। मंसूर ने एक आंख से ही क्रिकेट खेलना शुरू किया। उसी साल मंसूर अली खान ने इंग्लैंड के खिलाफ दिल्ली में टेस्ट डेब्यू किया।

साल 1962 में भारतीय क्रिकेट टीम ने नारी कॉन्ट्रैक्टर की कप्तानी में वेस्टइंडीज का दौरा किया था। इस दौरान बारबडोस के खिलाफ अभ्यास मैच में नारी बुरी तरह घायल हो गए।गुलाम अहमद जो कि टीम के मैनेजर थे, उन्होंने उपकप्तान मंसूर अली खान को कप्तान बनाने का फैसला किया।

मंसूर ने युवा कप्तान बनकर एक नया इतिहास रचा तो वहीं नारी कॉन्ट्रैक्टर का क्रिकेट करियर हमेशा के लिए खत्म हो गया।