भोपाल

एमपी के आदिवासी खाते है ये Unique फल


Akash Dewani

13 January 2025

महुआ- इसे कच्चा या सुखाकर खाते है जिसका अक्सर स्वीटनर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।

तेंदू- इसे भारतीय ख़ुरमा भी माना जाता है। इनका स्वाद मीठा और तीखा होता है।

बेर- इसे ताज़ा या सुखाकर खाया जाता है। इसका इस्तेमाल पारंपरिक मिठाइयों में भी किया जाता है।

बेल- वुड एप्पल के नाम से जाना जाता है। इसके गूदे से एक पेय बनाया जाता है जो शरीर को ठंडा करता है।

खिरनी- कोरकू जनजाति नाश्ते के रूप में इसे खाती है।

करौंदा- इसे ताजा भी खाया जाता है, लेकिन भील जनजाति मसालेदार करोंदा अचार बनाती है।

खोरासानी इमली- 14वीं सदी में महमूद खिलजी के शासनकाल में मांडव (मांडू) लाया गया था। इस फल को खाने के बाद 3-4 घंटे तक प्यास नहीं लगती।