विश्व नगर दिवस प्रति वर्ष 31 अक्टूबर को मनाया जाता है। उद्देश्य बढ़ती हुई जनसंख्या तथा समस्याओं के बीच नियोजित तथा सतत शहरी जीवन के लिए कार्य करना है।
वैश्विक शहरीकरण तथा चुनौतियों के लिए देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना, सतत शहरी विकास में योगदान देना भी इस दिवस को मनाने का मकसद है। विश्व नगर दिवस पर जानिए मध्यप्रदेश(MP News) के शहरों के विकास की क्या है रफ्तार...।
दिल्ली एनसीआर, हैदराबाद एचएमआर… सब देखा और सुना। अब नया है भोपाल बीएमआर।
सीहोर, विदिशा, रायसेन, राजगढ़ सब भोपाल बीएमआर के हिस्से होंगे। इन जिलों को शामिल करने के बाद भोपाल मेट्रो पॉलिटन रीजन का क्षेत्र 463 वर्ग किमी से करीब 21 गुना बढ़कर 9600 वर्ग किमी का हो जाएगा।
इसी के साथ मप्र मेट्रोपॉलिटन रीजन वाला देश का 13वां राज्य बन जाएगा।
इस रीजन में स्वच्छ हवा, चलने के लिए अच्छी सड़कें, आवाजाही के लिए मेट्रो व अन्य पब्लिक ट्रांसपोर्ट तो रोजगार के लिए ढेरों मौके मिलेंगे। यूं कहें कि बड़े सपनों को पूरा करने के लिए लोगों को दिल्ली-मुंबई, हैदराबाद जैसे शहरों की ओर नहीं जाना पड़ेगा।
सरकारी तंत्र आने वाले कुछ सालों में मेट्रोपॉलिटन रीजन की इबारत लिख देगा।
इसमें महानगरीय पब्लिक ट्रांसपोर्ट सुविधा, मेट्रो उपनगरीय ट्रेन सेवा, 12 से अधिक औद्योगिक क्षेत्र, स्वास्थ्य सेवाएं और पांच जिलों के पर्यटन क्षेत्र एक ही सर्किट में होंगे।
मेट्रोपॉलिटन रीजन बनने से आसपास के इलाके उपनगर होंगे। आर्थिक, सामाजिक-राजनीतिक रूप से आपस में जुड़ेंगे। मंडीदीप और अधारपुरा को जोड़ कर औद्योगिक क्लस्टर बनाए जाएंगे। रीजन में जुड़ने वाले जिलों में निवेश बढ़ेगा और रोजगार बढ़ेंगे।