माघ अमावस्या तिथि आरंभ: 28 जनवरी, सायंकाल 07:35 बजे से
माघ अमावस्या तिथि समाप्त: 29 जनवरी, सायंकाल 06: 05 बजे तक
उदयातिथि के अनुसार 29 जनवरी को माघी या मौनी अमावस्या मानी जाएगी।
मौनी अमावस्या के दिन स्नान-ध्यान कर भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं। साथ ही पूजा के बाद दान-पुण्य कर सकते हैं।
मौनी अमावस्या का महत्व: अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित हैं। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन स्नान दान और पितरों के नाम से तर्पण करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
माघ मास का धार्मिक रूप से विशेष महत्व है। ऐसे में माघ मास में आने मौनी अमावस्या का महत्व और अधिक बढ़ जाता है।
मान्यता है कि मौनी अमावस्या पर पितर अपने वंशजों से मिलने के लिए धरती पर आते हैं। ऐसे में उनके नाम से किया गया दान पुण्य व्यक्ति को कई गुना अधिक फल देता है।
इस दिन किए गए पितरों के नाम से दान पुण्य और तर्पण से पितरों का आशीर्वाद हमेशा परिवार के सदस्यों पर बना रहता है।
Mauni Amavasya 2025: इस ब्राह्मणों और गरीबों को भोजन कराने से भी पितर प्रसन्न होते हैं।