बिलासपुर

हर मौसम में दाना-पानी व घोंसले का करते हैं इंतजाम


Shradha Jaiswal

20 March 2025

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में गौरैया यानी प्रकृति की नन्हें दूत आज विलुप्त होने की कगार पर पंहुची विश्व की सबसे पुरानी पक्षी प्रजाति है।

सुदूर अतीत से पिछले एक-दो दशक तक हमारे घर-आंगन में फुदकने वाली एवं हमारे जीवन संगीत का अहम हिस्सा गौरैया आज विलुप्ति के कगार पर है।

घरों को अपनी चीं-चीं से चहकाने वाली गौरैया अब दिखाई नहीं देती। बढ़ता शहरीकरण और पेड़ों की कटाई उनके घोंसले बनाने की जगहें खत्म कर रहे हैं।

मोबाइल टावरों से निकलने वाले रेडिएशन उनकी प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर रहे हैं।