यहां तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को पहाड़ी रास्तों, जंगली जानवरों, झरनों और पथरीले रास्तों का सामना करना पड़ता है।
गुडरा नाला को तीन बार पार करने के बाद ही वे तुलार धाम के समीप पहुंच पाते हैं।
तुलार गुफा में स्थित शिवलिंग के दर्शन के लिए बारसूर, गीदम, दंतेवाड़ा, जगदलपुर, कांकेर, भैरमगढ़ और बीजापुर जैसे क्षेत्रों से भक्त पहुंचते हैं।
महाशिवरात्रि के दिन यहां जलाभिषेक के लिए दूर-दराज से भक्त पहुंचते हैं।
Mahashivratri 2025: यह गुफा साल में एक बार ही खुलती है।
भक्त अक्सर अपनी मन्नतें पूरी करने के लिए तुलार धाम जाते हैं।
कई लोग अपनी परेशानियों और बीमारियों के इलाज के लिए यहां पूजा-अर्चना करते हैं, और महादेव ने उन्हें आशीर्वाद भी दिया है।
कैसे पहुंचे यहां तक: यह गुफा गीदम के बारसूर से लगभग 30 किमी दूर स्थित है, और तकरीबन दुर्गम रास्तों से होते हुए यहां पहुंचना होता है।
बारसूर के नजदीक कौशलनार, मुचनार, बाघधार टेमरुभाटा घाट से इंद्रावती नदी को पार करने के बाद कोसलनार, मंगनार, गुफा गांव होते हुए तोड़मा गांव तक यहां पहुंचा जा सकता है।
यहां साल भर प्रकृति करती है शिवलिंग का जलाभिषेक।