राजस्थान के दौसा जिले के बांदीकुई के सिर पर राजस्थान में पहली बार ट्रेन चलने का ताज बंधा था।
राजस्थान में पहली ट्रेन 20 अप्रेल 1874 में आगरा से बांदीकुई के बीच दौड़ी थी। शुरुआत में भांप के इंजन से ट्रेन चलाई गई थी।
उसके बाद डीजल इंजन से संचालन हुआ और वर्तमान हाईटेक युग में अधिकांश रेलगाड़ियां इलेक्ट्रिक पावर से दौड़ती नजर आ रही हैं।
बांदीकुई-आगरा रेलमार्ग राजस्थान और उत्तरप्रदेश के कई बड़े शहरों को जोड़ता हैं। वर्ष 2005-06 में इस ट्रैक को नैरोगेज से ब्राॅडगेज में बदल गया था और अब इस ट्रैक का विद्युतीकरण हो गया है।
1860 के दशक में अंग्रेज पहली बार बांदीकुई पहुंचे तो उनको यह जगह बेहद पसंद आई। उसके बाद अंग्रेजों ने यहां के पानी के सैंपल इंग्लैंड भेजे।
जहां से सैंपल पास होने के बाद में अंग्रेजों ने रेल नगरी के तौर पर विकसित करने का फैसला लिया।
उन्होंने सुनियोजित तरीके से करीब चार सौ से ज्यादा बीघा भूमि पर रेलवे कॉलोनी और दफ्तर विकसित किए। 1874 में बांदीकुई तक रेल की शुरुआत की।