धार्मिक कारण : हिंदू धर्म में जनेऊ धारण करना उपनयन संस्कार का हिस्सा है, जो लड़कों के बाल्यकाल से किशोरावस्था में प्रवेश का प्रतीक भी माना जाता है। जनेऊ पहनने का अर्थ है कि व्यक्ति ने वेदों के अध्ययन और धार्मिक जीवन अपनाने की प्रतिज्ञा की है।
जनेऊ में क्यों होते हैं तीन धागे : जनेऊ को तीन धागों में बांधा जाता है, जो देव ऋण, ऋषि ऋण और पितृ ऋण का प्रतीक हैं। इसे पहनने वाला व्यक्ति इन ऋणों को चुकाने के लिए धर्म, शिक्षा, और समाज सेवा के मार्ग पर चलता है।
जनेऊ के नियम : जनेऊ व्यक्ति को अपने कर्तव्यों और मर्यादाओं का पालन करने के लिए प्रेरित करता है। यह एक तरह से अनुशासन और शुद्धता का प्रतीक है। जनेऊ धारण करने वाले व्यक्ति को सत्य, अहिंसा, और संयम का पालन करना आवश्यक होता है।
जनेऊ सामाजिक दृष्टी से भी है खास : जनेऊ पहनने का महत्व केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। यह व्यक्ति को शुद्ध विचार, संयमित जीवन और समाज के प्रति उत्तरदायित्व की भावना प्रदान करता है।