गिलहरी को पुण्य कार्यों में योगदान देने वाले जीव के रूप में देखा जाता है। भगवान राम के साथ रामसेतु निर्माण में गिलहरी की भूमिका रही थी। जो धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जाती है। साथ ही गिलहरी को हिंदू धर्म में शुभ और पुण्यकारी प्राणी माना जाता है। आइए जानते हैं गिलहरी से जुड़ी धार्मिक मान्यताएं।
रामायण के अनुसारहिंदू मान्यता के अनुसार रामायण काल में जब भगवान राम लंका पर विजय प्राप्त करने के लिए सेतु बना रहे थे। तब गिलहरी ने सेतु बनाने में सहायता की। उसकी मेहनत देखकर भगवान प्रसन्न हुए। और उसकी पीठ पर तीन उंगलियों के निशान बनाए। जो आज भी गिलहरी की पीठ पर देखे जाते हैं।
करुणा और सेवा का प्रतीकगिलहरी को सेवा और करुणा का प्रतीक माना गया है। धार्मिक मान्यता है कि गिलहरी अपने सामर्थ्य के अनुसार दूसरों की सहायता करती है और यह संदेश देती है कि छोटे प्रयास भी महान कार्यों में योगदान दे सकते हैं।
भाग्य का प्रतीकधार्मिक परंपराओं में गिलहरी को शुभ माना जाता है। मान्यता है कि यदि घर के आसपास गिलहरियाँ दिखाई देती हैं। वहां हमेशा सकारात्मक ऊर्जा रहती है।
ईश्वर का संदेशवाहकगिलहरी को प्रकृति का संरक्षक और भगवान का संदेशवाहक माना गया है। इसे प्रकृति के प्रति आदर और संरक्षण का प्रतीक माना जाता है।
पवित्रता और उत्साहगिलहरी को जीवन में उत्साह, परिश्रम और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है।