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Gulab Jamun: ना जामुन का स्वाद न गुलाब की शक्ल, फिर क्यों पड़ा मिठाई का नाम गुलाब जामुन


MEGHA ROY

5 December 2024

गुलाब जामुन को लोग सिर्फ एक मिठाई की तरह नहीं खाते, बल्कि यह भारत की शादियों से लेकर हर खुशहाली माहौल में बनता है। आखिर क्यों न हो, इसका स्वाद ही लाजवाब होता है।

क्या आप जानते हैं कि इसका आकार गुलाब जैसा नहीं है और इसका स्वाद जामुन जैसा नहीं है, फिर कैसे पड़ा इसका नाम गुलाब जामुन? अगर नहीं, तो हम बताते हैं।

हालांकि, आपको बता दें कि गुलाब जामुन का स्वाद और आकार से इसका कोई लेना-देना नहीं है।

शब्द "गुलाब" फारसी शब्द गुल (फूल) और आब (पानी) से लिया गया है, जो गुलाब जल-सुगंधित सिरप और "जामुन" का संदर्भ देता है।

गुलाब जामुन का नाम गुलाब से मेल नहीं खाता, लेकिन शायद यह मिठाई की लोकप्रियता के कारण इसका नाम गुलाब जामुन पड़ा है। गुलाब का एसेंस इसमें डाला जाता है।

"जामुन" शब्द भारतीय फल जामुन से लिया गया हो सकता है, क्योंकि गुलाब जामुन का आकार जामुन के फल से मिलता-जुलता है।

भारत में गुलाब जामुन की कई किस्में मिलती हैं, जैसे पश्चिम बंगाल का पन्तुआ, जो गुलाब जामुन का ही एक प्रकार है। वहीं, राजस्थान में इसकी एक विशेष प्रकार की सब्जी भी लोकप्रिय है। इसके लिए खोए को सुनहरा तलकर बॉल्स बनाए जाते हैं, जिन्हें नट्स और टमाटर की ग्रेवी में पकाया जाता है।