कृष्णपुरा/होल्कर छतरी - मराठा शैली में बनी 3 छतरियों का समूह है जहां होल्कर राजवंश की तीन अहम लोगों का अंतिम संस्कार किया गया था।
गोमटगिरी जैन मंदिर - जैन धर्म के 24 तीर्थंकरों को समर्पित 24 संगमरमर के मंदिरों का समूह है ।
परसुराम जन्म स्थली - जानापाव पहाड़ी पर स्थित है भगवान परसुराम का जन्म स्थान जहां भव्य मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है।
गुलावत लोटस लेक - एशिया की सबसे बड़ी कमल घाटी है जहां तालाब और झीलें खूबसूरत गुलाबी कमलों से ढके हुए हैं।
कांच मंदिर - शीश महल के नाम से भी जाना जाना वाला यह मंदिर जिसे 1903 में व्यापारी सेठ हुकुमचंद द्वारा बनवाया था।
रालामंडल : शिकारगाह की तरह बनाए गए इस स्थल को 1989 में वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी घोषित किया गया था जो बहुत से दुर्लभ जानवरों का घर है।
अन्नपूर्णा मंदिर - अन्न की देवी को समर्पित यह मंदिर 9वीं शताब्दी के दौरान बनवाया गया था। यह शहर के सबसे पुराने तीर्थ स्थलों में से एक है।
पातालपानी झरना - मऊ तहसील में स्थित चोरल नदी के पानी से बनने वाला यह विशाल झरना बहुत बड़ा पिकनिक स्पॉट है।