जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया। आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी कर कईयों को दर्दनाक मौत दी।
इस हमले में 28 लोगों की जान गई, जिनमें इंदौर के 58 वर्षीय सुशील नथानियल भी शामिल थे। सुशील अपनी पत्नी जेनिफर, 30 वर्षीय बेटी आकांक्षा और 21 वर्षीय बेटे ऑस्टिन के साथ पत्नी का जन्मदिन मनाने कश्मीर(Pahalgam Attack) गए थे। लेकिन इस हमले में एक खुशहाल परिवार की छुट्टियां मातम में बदल गईं।
सुशील का शव 23 अप्रैल की रात 9 बजे श्रीनगर से दिल्ली, फिर इंदौर लाया गया। एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री मोहन यादव, मंत्री तुलसी सिलावट और स्थानीय नेता शव को श्रद्धांजलि देने पहुंचे। इंदौर शहर शोक में डूब गया।
24 अप्रैल की सुबह, सुशील नथानियल की अंतिम यात्रा वीणा नगर स्थित उनके घर से शुरू हुई। इस दौरान जेनिफर ताबूत से लिपटकर बार-बार बेसुध हो रही थीं। यह दृश्य देख हर आंख नम थी। सैकड़ों लोग उनकी अंतिम विदाई में शामिल हुए।
नंदा नगर चर्च में प्रार्थना सभा के बाद, सुशील को जूनी इंदौर कब्रिस्तान में ईसाई रीति-रिवाजों के साथ दफनाया गया।
सुशील नथानियल की शहादत ने आतंकवाद के खिलाफ देश के गुस्से को फिर से जगा दिया है।
सुशील नथानियल की यादें उनके परिवार और इंदौर शहर के दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगी।