छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में भोरमदेव महोत्सव अब अपना 28 वर्ष पूर्ण करने वाला है।
इस महोत्सव की शुरुआत वर्ष 1995 में हुई जबकि कवर्धा अविभाजित मध्यप्रदेश में राजनांदगांव जिले का हिस्सा था।
कवर्धा तहसील में स्थित भोरमदेव मंदिर तात्कालीन जिला प्रशासन के सहयोग से एकदिवसीय भोरमदेव महोत्सव का आयोजन किया गया।
जिसका मूल उद्देश्य वनांचल की संस्कृति, कला व लोकरंग को दूर-दूर तक प्रचारित करने के साथ-साथ वनांचलवासियों के खुशियों के प्रतीक के रूप में महोत्सव को पहचान देना था।