लखनऊ

'डिजिटल अरेस्ट' बना ठगी का नया धंधा, ऐसे करें बचाव


Aman Pandey

22 October 2024

डिजिटल अरेस्ट धोखाधड़ी करने का तरीका है, जो साइबर ठग अपनाते हैं। जालसाज कभी गैर कानूनी सामान का पार्सल भेजे जाने तो कभी बैंक अकाउंट से गैर कानूनी ट्रांजेक्शन होने की बात कह कर लोगों को डराते हैं।

जब कोई इनके जाल में फंस जाता है तो ये उस शख्स से पुलिस अधिकारी बनकर वीडियो कॉल के जरिए बात करते हैं और उसे उसके घर में ही बंधक बना लेते हैं।

डिजिटल अरेस्ट से बचने के लए‌ अनजान नंबर से आने वाले कॉल, वीडियो कॉल न उठाएं। 92 कोड वाले नंबर से आने वाले कॉल को नजरंदाज करें।यदि अनजान नंबर से फोन कर कोई डराए तो तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दें।

यदि कोई फोन कर आपके बेटे-बेटी को गिरफ्तार करने या उसे छोड़ने के बदले पैसे मांगे, तब उस पर भरोसा न करें। अपने स्तर पर अधिकृत स्थान से इसकी पुष्टि करें। पैसों का लेन-देन अधिकृत और सत्यापित माध्यम से ही करें।

योगी सरकार भी इसके लिए लोगों को जागरूक कर रही है। साथ ही एक ऐसा हैंडबुक उपलब्ध करा रही है, जिसमें उन सभी एहतियातों का उल्लेख है, जिन्हें अपनाकर साइबर क्राइम का शिकार होने से बचा जा सकता है।