लखनऊ

मृत्यु के समय क्या होता है? प्रेमानंद महाराज ने बताया


Sanjana Singh

8 January 2025

प्रेमानंद महाराज के अनुसार, जीवन भर किए गए कर्म मृत्यु के समय व्यक्ति पर हावी हो जाते हैं। धन और परिवार की चिंता में उसकी आत्मा उलझ जाती है। व्यक्ति का हृदय डर से कांपने लगता है, सांसे रुक जाती हैं, और वह बोलने या सोने में असमर्थ होता है।

पाप करने वालों की दुर्दशा निश्चित है। उनकी आत्मा छिपकली, सांप, या अन्य निचले जीवों के रूप में पुनर्जन्म ले सकती है, जहां वे कष्ट सहते हैं।

मरने के बाद यमराज के भयंकर दूत आत्मा को लेने आते हैं। उनका रूप डरावना होता है, जिससे आत्मा डर जाती है।

अंत समय में व्यक्ति की आंखें उलट जाती हैं, गला, होंठ और तालु सूख जाते हैं। वह हाथ-पैर पटकता है और अपार कष्ट सहता हुआ प्राण त्यागता है।

धर्म-विरुद्ध कर्म करने वाले व्यक्ति को यमदूत मारते-घसीटते हुए ले जाते हैं। इस दौरान आत्मा को भयंकर पीड़ा दी जाती है।

आत्मा को यमपुरी ले जाने वाले रास्ते में गरम रेत, अग्नि, और नुकीले यंत्र होते हैं, जो आत्मा को असहनीय कष्ट देते हैं।

यमपुरी पहुंचने के बाद आत्मा को भयंकर नर्कों में यातनाएं सहनी पड़ती हैं। उसे भोजन और पानी नहीं मिलता और यातना निरंतर जारी रहती है।