भगवान श्रीराम ने माता सीता का परित्याग किया तो लक्ष्मण उन्हे महर्षि वाल्मिकी के इसी आश्रम में लेकर आए थे।
तुरतुरिया आश्रम में ही सीता माता ने लव और कुश का जन्म दिया था।
अयोध्या में जन्मे श्रीराम का छत्तीसगढ़ के तुरतुरिया से खास संबंध है। यहां त्रेतायुग में महर्षि वाल्मिकी का आश्रम था।
धार्मिक स्थल तुरतुरिया राम गमन पथ में शामिल है। ऐसे में इस जगह की बड़ी आध्यामिक मान्यता है।
रायपुर से करीब 84 किलोमीटर दूर तुरतुरिया वाल्मिकी आश्रम और भगवान राम के पुत्र लव-कुश की जन्मस्थली है।