पत्रिका प्लस

छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में स्थित घाघरा मंदिर ऐतिहासिक और रहस्यमयी धरोहरों में से एक है।


Khyati Parihar

8 March 2025

यह मंदिर जिले के मुख्यालय मनेंद्रगढ़ से लगभग 130 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और जनकपुर के पास घाघरा ग्राम में स्थित है।

मंदिर की विशेषता यह है कि इसका निर्माण बिना किसी जोड़ने वाली सामग्री के, केवल पत्थरों को संतुलित करके किया गया है।

Unique temple: यह अपने अनोखे निर्माण और झुकी हुई संरचना के कारण रहस्य और कौतूहल का केंद्र बना हुआ है।

इस मंदिर में पत्थरों को जोड़ने के लिए किसी भी प्रकार की गारा-मिट्टी, चूना या किसी अन्य पदार्थ का प्रयोग नहीं किया गया है।

इतिहासकारों और विशेषज्ञों का मानना है कि यह मंदिर किसी भूगर्भीय हलचल या भूकंप के कारण झुक गया होगा।

हालांकि, सदियों पुराना यह मंदिर आज भी मजबूती से खड़ा है, जो इसकी निर्माण शैली की उत्कृष्टता को दर्शाता है।

कुछ इतिहासकार इसे 10वीं शताब्दी का मंदिर मानते हैं, जबकि कुछ इसे बौद्ध कालीन मंदिर बताते हैं।

स्थानीय लोगों का विश्वास है कि यह एक प्राचीन शिव मंदिर है, जहां आज भी विशेष अवसरों पर पूजा-अर्चना की जाती है।

मंदिर के भीतर किसी मूर्ति का न होना भी इसे और रहस्यमयी बनाता है।

घाघरा मंदिर जाने के लिए सबसे नजदीकी प्रमुख कस्बा जनकपुर है। यहाँ से घाघरा गाँव तक आसानी से पहुँचा जा सकता है।

यात्रा के दौरान आप छत्तीसगढ़ के प्राकृतिक सौंदर्य का भी आनंद ले सकते हैं।