लेकिन इन उत्पादों की बढ़ती मांग ने इसे संकट में डाल दिया है।
गोबर से बने प्राकृतिक पेंट की बढ़ रही डिमांड, लेकिन उत्पादन ठप होने से निर्माण संकट में है।
अब तक आठ हजार 997 लीटर प्राकृतिक पेंट का उत्पादन किया जा चुका है।
प्राकृतिक पेंट बनाने की यूनिट स्थापना की कार्यवाही तेजी से पूरी की जा रही है।
रायपुर, दुर्ग और कांकेर जिलों की पांच गोठानों में इस तरह का पेंट बन रहा है।
खासकर महिलाओं के समूह द्वारा इस तरह का काम करती है।