रायपुर

Ravan के 10 सिर बुराइयों का प्रतीक


Khyati Parihar

12 October 2024

हिंदू धर्मग्रंथों में Ravan को एक महान योद्धा, विद्वान और असाधारण शक्ति का धनी बताया गया है।

साथ ही उसे अहंकार, लालची और अधर्म के प्रतीक के रूप में भी प्रस्तुत किया गया है।

Ravan के 10 सिर केवल उसकी शारीरिक शक्ति का प्रतीक नहीं हैं, बल्कि ये उसकी अंतर्निहित कमजोरियों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

रावण के 10 सिर व्यक्ति के भीतर मौजूद 10 बुराइयों, स्वभाव और कमजोरियों को दर्शाते हैं।

काम (वासना), क्रोध, लोभ (लालच), मोह, भ्रष्टाचार, भय, निष्ठुरता (दया की कमी), अहंकार, ईर्ष्या और झूठ बोलना।

ऐसे में Ravan दहन द्वारा इस बुराइयों का दहन भी किया जाता है।

कुछ धार्मिक ग्रंथों में ऐसा भी कहा गया है कि रावण गले में नौ मणियों की माला पहने रहता है।

इन्हें ही दस सिर के रूप में दिखाकर भम्र पैदा करता था।

कहा जाता है कि Ravan दहन के साथ-साथ व्यक्ति को अपने भीतर मौजूद इन बुराइयों का भी दहन करना चाहिए।