उज्जैन

हरसिद्धि मंदिर के पुजारी रामचंद्र गिरी के अनुसार, माता सती की देशभर में जहां भी अंग गिरे हैं, वहां शक्तिपीठ स्थापित है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर के पीछे माता की कोहनी गिरी थी, इसलिए यहां हरसिद्धि मंदिर की स्थापना हुई है।


Mohammad Faiz Mubarak

5 October 2024

हरसिद्धि मंदिर माता सम्राट विक्रमादित्य की आराध्य देवी मानी जाती हैं। हरसिद्धि नाम के तहत विदित है कि माता अपने भक्त के हर काम सिद्ध करती हैं।

हरसिद्धि माता मंदिर में देवी के तीन रूपों की पूजा की जाती है। यहां माता कालिका, माता अन्नपूर्णा और माता हरसिद्धि विराजमान हैं।

हरसिद्धि मंदिर में हजारों की संख्या में दीप मलिका हैं, जिन्हें आरती के समय प्रज्वलित किया जाता है। यहां आने वाले श्रद्धालु अपनी मनोकामना को लेकर दीप प्रज्वलित करते हैं।

जिन भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है, वो भी यहां दीप प्रज्वलित करवाते हैं। यही कारण है कि हरसिद्धि मंदिर में दीप मलिका प्रज्वलित करने के लिए सालों पहले से बुकिंग चलती है।

नवरात्रि के दिनों में यहां की अद्भुत छटा देखने को मिलती है। माता रानी के भक्त देशभर से अपनी अपनी मनोकामनाएं लेकर हरसिद्धि मंदिर आते हैं। यहां माता के तीन रूपों की पूजा होती है।