कालियादेह महल: क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित यह एक महल है, जिसे खिलजी राज के समय 1498 में बनवाया गया था।
वेधशाला: यह महाराजा जय सिंह द्वितीय द्वारा 1725 में बनवाई गई एक वेधशाला है जिसमें 13 वास्तु खगोल विज्ञान उपकरण हैं।
सांदीपनि आश्रम: यहां भगवान श्रीकृष्ण ने महर्षि सांदीपनि के सान्निध्य में शिक्षा प्राप्त की थी। यह स्थान 5 हजार साल पुराना है।
सिद्धवट: एक हजार साल पुराना बरगद का पेड़ है जिसे माता पार्वती ने लगाया था। इसे भगवान शिव के रूप में पूजा जाता है।
गोपाल मंदिर: इसका निर्माण मराठा राजा दौलतराव सिंधिया की पत्नी बयाजी बाई शिंदे ने 19वीं शताब्दी में कराया था, जो श्रीकृष्ण को समर्पित है।
मंगलनाथ मंदिर: कुंडली के मांगलिक दोष जैसी परेशानियों को दूर करने के लिए यहां लोग आते हैं। यहां होता है अनुष्ठान।
राम जनार्दन मंदिर: 1748 में मराठा काल में बना यह दुनिया का एकलौता मंदिर है जहां श्रीराम और श्री लक्ष्मण की दाढ़ी-मूंछ वाली प्रतिमा है।
भेरूगढ़ वाइल्डलाइफ सेंचुरी: करीब 157 वर्ग किलोमीटर में फैले इस चीतल में आपको सांभर, तेंदुए और भेड़िये दखने को मिलेंगे।
विक्रम कीर्ति मंदिर: यह मंदिर एक म्यूजियम है, जहां उज्जैन के इतिहास से जुड़ी मूर्तियां, सिक्के, पेंटिंग आदि रखे हैं।