गंगा किनारे बसी काशी, Dev Diwali के दिन एक दुल्हन की तरह लगती है।
देव दिवाली एक वैश्विक त्योहार बन चुका है। आइये बताते हैं देव दिवाली का इतिहास
मान्यता है की भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नाम के एक राक्षस का वध कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को किया था।
देवताओं में ख़ुशी का माहौल था जिसके चलतें भगवान शिव के साथ सभी देवी देवता धरती पर आए और दीप जला के खुशियाँ मनाई गयी।
हिन्दू धर्म में देव दिवाली का बहुत महत्व है और शास्त्रों के अनुसार इस दिन दीपदान का भी प्रावधान है।
इस बार के देव दिवाली में लेज़र शो और फायर क्रैकर शो दिखाया जाएगा।