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खिलाडिय़ों की फिटनेस बढ़ाते 4 योग

Published: May 26, 2018 04:15:07 am

क्रिकेट, फुटबॉल, टेनिस, बैडमिंटन, बास्केटबॉल हो या कुश्ती इन सभी खेलों में शरीर का फिट होना जरूरी है। वहीं शतरंज, तीरंदाजी…

Yoga

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क्रिकेट, फुटबॉल, टेनिस, बैडमिंटन, बास्केटबॉल हो या कुश्ती इन सभी खेलों में शरीर का फिट होना जरूरी है। वहीं शतरंज, तीरंदाजी व निशानेबाजी जैसे खेलों में दिमागी परिपक्वता अहम है। योग करने से स्टेमिना व एकाग्रता बढ़ती है जो किसी भी खिलाड़ी के लिए प्राथमिकता है।

 

कई शोधों के अनुसार योग न केवल शरीर को चोट से उबारकर संतुलित करता है बल्कि खेल के मैदान पर प्रदर्शन को भी बेहतर बनाता है। जानते हैं ऐसे ही कुछ योगासन के बारे में जो शरीर को चुस्त बनाते हैं।

वृक्षासन

यह आसन तंत्रिका तंत्र को बेहतर बनाकर इससे संबंधित स्नायु को संतुलित करता है। शरीर संतुलित होने से सहनशीलता व एकाग्रता बढ़ती है। यह स्ट्रेचिंग के रूप में पैरों की मांसपेशियों व स्नायुतंत्र को मजबूत करता है।
ऐसे करें : आसन पर दोनों पैरों के बीच दो इंच की दूरी बनाकर सीधे खड़े हो जाएं।

 

अब आंखों को सामने किसी बिंदु पर केंद्रित करें। सांस को बाहर छोड़ते हुए दाएं पैर को मोडक़र बाएं पैर की अंदरूनी जांघ पर रखें। सांस अंदर लेते हुए दोनों हाथों को ऊपर की ओर ले जाएं व मिला दें। १०-३० सेकंड के लिए इसी मुद्रा में रहें। सामान्य सांस लेते रहें। सांस छोड़ते हुए हाथों को धीरे-धीरे नीचे लाएं व रिलेक्स होकर प्रारंभिक मुद्रा में आ जाएं।

गरुणासन

खेल के दौरान सबसे अहम है एकाग्र शक्तिका प्रबल होना जिसमें यह आसन मददगार है। यह एकाग्रता को बढ़ाकर पैरों व पेट की समस्या दूर करता है। साथ ही शरीर को संतुलित कर मानसिक शांति प्रदान करता है।


ऐसे करें : आसन पर सीधे खड़े होकर दायां पैर बाएं पैर पर रखें और दाएं हाथ को बाएं हाथ पर रस्सी की तरह लपेट लें। इसके बाद सांस सामान्य रखते हुए शरीर का संतुलन बनाएं। इस अवस्था में १५ सेकंड से तीन मिनट तक खड़े रहें। योग की इस प्रक्रिया को पुन: बाएं पैर से करें। इसे तीन बार दोहरा सकते हैं।

 

शीर्षासन

 

दिमागी रक्तसंचार सुचारू रूप से चलाने में मददगार है। सिर से जुड़े सभी इंद्रिय अंगों जैसे आंख, कान आदि के लिए लाभदायक है। यह याददाश्त व एकाग्रता का स्तर बढ़ाता है।


ऐसे करें : किसी दीवार के पास ५-७ सतह की एक गद्दी रखें। अब कलाई वाले हिस्से को गद्दी पर इस तरह टिकाएं जिससे घुटने जमीन को छुएं। दोनों हाथों की अंगुलियों को फंसाकर हथेलियों को बांध लें।

 

आगे की ओर सिर को झुकाकर गद्दी पर इस तरह से लेट जाएं जिससे सिर का आगे का भाग हथेलियों में आ जाए। सिर पर शरीर का बोझ डालते हुए पैरों को ऊपर उठाएं। शरीर को इस तरह सीधा करें जिससे एक सीधी रेखा बने। अंत में धीरे-धीरे पैरों को नीचे लाकर सामान्य स्थिति में आ जाएं।

हंसासन

यह आसन नाड़ीतंत्र को संतुलित कर ध्यान एकाग्र करने की क्षमता को सुधारता है। इससे छाती व कूल्हे की मांसपेशियां खिंचकर खुलती हैं जिससे किसी भी खेल या कार्य के दौरान अकडऩ की समस्या नहीं रहती है।


ऐसे करें : पैरों के बल खड़े होकर शरीर के संतुलन पर ध्यान दें। सांस अंदर लेते हुए बायीं बाजू को सामने की ओर उठाएं व शरीर के ऊपरी भाग को कूल्हे से आगे झुकाएं। इसी समय दायां पैर पीछे की ओर मोड़ें व दाएं हाथ से पैर को पकड़ लें।

कुछ देर इसी अवस्था में बने रहें फिर सांस छोड़ते हुए पैर व हाथ नीचे लाकर प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं। इसे पुन: दायीं बाजू से भी दोहराएं। जिन्हें घुटने व पीठ दर्द या चक्कर आने की समस्या हो वे न करें।

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