क्या है बेरिएट्रिक सर्जरी
इसमें जिनका बीएमआई 32.5 से अधिक होता है उन्हें बेरिएट्रिक सर्जरी की सलाह देते हैं। यह लेप्रोस्कोपिक सर्जरी है जिसमें शरीर में दस एमएम के दो और पांच एमएम के तीन छेद करते हैं। पहली सर्जरी (स्लीव गैस्टेक्टमी) में पेट की क्षमता को सर्जरी करके कम कर देते हैं। इसमें पेट का आकार कम होने से ग्रेलिन हार्मोन की मात्रा भी घट जाती है जिससे भूख लगने का संदेश दिमाग को नहीं मिलता व व्यक्ति पहले की तुलना में कम खाता है। दूसरी सर्जरी (गैस्ट्रिक बाईपास) में पेट का आकार सर्जरी से छोटा कर सीधे छोटी आंत से जोड़ देते हैं। इससे व्यक्ति को भूख कम लगती है। व्यक्ति जो कुछ भी खाता है वह पेट के बजाय सीधे आंतों में जाने के बाद सीधे वेस्ट के रूप में बाहर निकलता है।
डायटीशियन की राय
हर उम्र वर्ग के लोगों के लिए डाइट अलग होती है जिससे उसकी कैलोरी निर्धारित होती है। 19 से 59 उम्र वर्ग के पुरुषों को रोजाना 2550 जबकि महिलाओं को 1940 कैलोरी की जरूरत होती है। बेरिएट्रिक सर्जरी के बाद भूख मिटाने के लिए कुछ भी न खाएं। खाने की थाली में दाल, मिल्क प्रोडक्ट, रोटी, चावल व सब्जी लें। सर्जरी के बाद डाइट चार्ट को फॉलो करें। साथ ही जो मन में आए उसे खाने से बचना चाहिए वर्ना एसिडिटी की समस्या हो सकती है।
ये ध्यान रखें
सर्जरी के बाद रोगी को पहले 24 घंटे कुछ भी खाने को नहीं देते। पहले 15 दिन सिर्फ लिक्विड डाइट देते हैं। एक महीने तक खानपान डॉक्टरी सलाह के अनुसार रहता है। थोड़ी दिन तक दवाएं चलती हैं जो कुछ समय बाद बंद हो जाती हैं। हाई प्रोटीन डाइट लें। महिलाएं सर्जरी के 2 साल बाद ही बेबी प्लान करें। वर्ना गर्भ में पलने वाले शिशु को नुकसान हो सकता है।
खर्च : बेरिएट्रिक सर्जरी के लिए रोगी को सरकारी अस्पतालों में 70 से 80 हजार रुपए देने पड़ सकते हैं। वहीं अलग-अलग प्राइवेट अस्पताल में तीन से दस लाख रुपए की रकम खर्च करनी पड़ती है।
इसके फायदे
टाइप-2 डायबिटीज का खतरा कम होने के साथ महिलाओं में पीरियड्स नॉर्मल।
डिप्रेशन और दूसरी मानसिक परेशानियों में आराम मिलता है।
ब्लड प्रेशर और डायबिटीज कंट्रोल होने लगते हैं।
325 से अधिक वजन होने पर देते हैं रोगी को बेरिएट्रिक सर्जरी की सलाह।
ऑपरेशन के छह से आठ महीने के बीच रोगी को इसका फायदा दिखने लगता है और वह पहले से बेहतर और निरोगी दिखता है। 24 घंटे तक सर्जरी के बाद कुछ भी न खाने की सलाह देते हैं। 70-80 हजार रुपए देने पड़ते हैं सरकारी अस्पतालों में इस सर्जरी के लिए।