१. बॉडी मास इंडेक्स
आपका शरीर सामान्य है या नहीं यह बीएमआई देखकर पता चलता है।
१८.५ से कम अंडरवेट
१८-२५ सामान्य
२५-३० मोटे
३० से ४० अत्यधिक वजनी
४० मॉर्बिड ओबेसिटी
ऐसे निकालें बीएमआई
व्यक्ति की लंबाई (मीटर) को दोगुना कर उसमें वर्तमान के वजन किलोग्राम से भाग देकर बीएमआई निकालते हैं।
२. जांचें कमर का घेरा
इसे सेंट्रल ओबेसिटी कहते हैं। कमर का घेरा कम-अधिक वजन को दर्शाता है। इसमें वजन शरीर के अन्य हिस्सों की तुलना में तोंद के रूप में उभरता है। महिलाओं की कमर का घेरा ३० व पुरुषों का ३४ इंच होना चाहिए। महिलाओं में ३६ व पुरुषों में ४० इंच से ऊपर होना हृदय रोगों की आशंका बढ़ाता है।
क्या है वजन
शरीर के विभिन्न हिस्सों में जमा फैट कई तरह का होता है। फिजिकल एक्टिविटी करने पर फैट एनर्जी में बदलकर कम होता है। यह कार्बन डाइऑक्साइड व पसीने के रूप में बाहर आता है। साथ ही अंगों में जो फैट जमा होता है वह यूरिन के जरिए निकलता है।
डाइटिंग के बाद: व्यायाम से न बनाएं दूरी
दोबारा बढऩे की आशंका : वजन कम करने के लिए डाइटिंग के नाम पर कुछ भी खाना पाचनतंत्र को कमजोर करता है। ऐसे में नॉर्मल डाइट पर आते ही वजन धीरे-धीरे दोबारा बढऩे लगता है। इसके लिए कार्डियो व वजन बरकरार रखने के लिए स्ट्रेंथनिंग वर्कआउट पर ध्यान दें। डाइट में प्रोटीन के लिए दालें, अंडा, सोया, सूखे मेवे व दूध उत्पाद लें। पत्तागोभी, बादाम, टमाटर, खीरा खाएं।
रोगों की आशंका : अधिक वजन डायबिटीज, हाई बीपी, अस्थमा का कारण है। महिलाओं में अधिक वजन से अनियमित माहवारी और पुरुषों में ब्रेन ट्यूमर के मामले ज्यादा हंै।
सावधानी: सुबह ७-८ के बीच नाश्ता और सोने से दो घंटे पहले डिनर कर लें।
डाइटिंग के दौरान: धीरे-धीरे घटाएं वजन
वजन को एकदम से कम करने की बजाय धीरे-धीरे कम करें। मुख्य तौर पर तीन तरीके अपनाएं जाते हैं-
प्रोटीन से भरपूर हो डाइट
शरीर में जरूरत से ज्यादा कैलोरी चर्बी में बदल जाती है। इसलिए कम से कम कैलोरी व कार्बोहाइड्रेट वाली चीजें लें। साबुत अनाज, दालें, ओटमील और ज्वार आदि खाएं। प्रोटीन और फाइबर से भरपूर डाइट लें। प्रोटीन भूख को कम करता है और फाइबर चर्बी को जमने नहीं देता। भरपूर पानी पीएं और फलों का जूस लेते रहें।
जॉगिंग करें
वर्कआउट शेड्यूल में वजन कम करने के लिए ६० फीसदी कार्डियो और इसे बरकरार रखने के लिए ४० फीसदी स्ट्रेंथनिंग वर्कआउट शामिल करें। तेज वॉक या जॉगिंग से एक्सरसाइज की शुरुआत शरीर में एनर्जी को बरकरार रखती है।
बेरिएट्रिक सर्जरी मददगार
बीएमआई ४० से ऊपर होने पर सर्जरी ही विकल्प रहता है। इन दिनों बेरिएट्रिक सर्जरी ज्यादा इस्तेमाल हो रही है। इसमें पेट को छोटा कर छोटी आंत के निचले हिस्से को पेट से जोड़ देते हैं। ऐसे में सर्जरी के बाद मरीज को भूख का अहसास कम होता है। ऑपरेशन के दो सालों तक वजन कम होता जाता है।
वजन घटा या नहीं…
वजन घटाने से मांसपेशियों में जमा वसा भी कम होने पर व्यक्ति को सांस लेने में आसानी व अच्छी नींद आती है।