scriptशव दाह करके श्मशान से आने के बाद इसीलिए नहाना होता है जरुरी, अंधविश्वास मान करेंगे नजरअंदाज तो… | Why bathing is necessary after the cremation | Patrika News

शव दाह करके श्मशान से आने के बाद इसीलिए नहाना होता है जरुरी, अंधविश्वास मान करेंगे नजरअंदाज तो…

Published: Sep 22, 2018 11:39:10 am

Submitted by:

Arijita Sen

क्या आपने इस बात पर कभी गौर फरमाया है कि आखिर श्मशान से शव को दाह करने के बाद घर आकर सबसे पहले नहाया क्यों जाता है?

श्मशान

शव दाह करके श्मशान से आने के बाद इसीलिए नहाना होता है जरुरी, अंधविश्वास मान करेंगे नजरअंदाज तो…

नई दिल्ली। मौत के बाद आत्मा की शान्ति के लिए अंतिम संस्कार करवाना बेहद जरुरी होता है। इसीलिए व्यक्ति अपने धर्म के अनुसार मृत परिजनों का अंतिम संस्कार करवाते हैं। कहीं शव को दफना दिया जाता है तो कुछ धर्म में उसे जलाने की प्रथा का पालन किया जाता है।

श्मशान

हम बात अगर हिंदू धर्म की करें तो इसमें शव को श्मशान भूमि में जाकर जला दिया जाता है। इसके साथ ही परिजनों को और भी कई नियमों का पालन करना पड़ता है जिसमें से एक है श्मशान से शव को दाह करने के बाद घर आकर सबसे पहले पहने हुए कपड़ों को त्यागकर अच्छे से स्नान करना। क्या आपने इस बात पर कभी गौर फरमाया है कि आखिर ऐसा क्यों किया जाता है? सर्दी हो या गर्मी हर मौसम में ही शव दाह के बाद घर आकर स्नान करना अनिवार्य है। आज हम इसके पीछे का सच आपको बताएंगे।

श्मशान

सबसे पहले बता दें, पुराने जमाने में जितने भी नियम बनाए गए हैं उनमें से लगभग सभी में आध्यात्मिक के साथ-साथ वैज्ञानिक कारण भी निहित है। शव दाह के बाद स्नान करने के पीछे भी आध्यात्मिक के साथ ही विज्ञान भी जुड़ा हुआ है।

श्मशान से आने के बाद नहाना

पहले धार्मिक कारण की बात करते हैं। ऐसी मान्यता है कि श्मशान भूमि पर हमेशा नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता रहता है। इस तरह की नेगेटिव एनर्जी का प्रभाव व्यक्ति के मन व मतिष्क दोनों पर पड़ता है।कमजोर मनोबल वाले व्यक्ति इसकी चपेट में जल्दी आ सकते हैं। इसीलिए इन नकारात्मक ऊर्जाओं के बुरे प्रभाव से बचने के लिए घर आकर स्नान करना बेहद जरुरी है। इससे व्यक्ति नकारात्मक ऊर्जा से खुद को मुक्त कर सकते हैं।

नहाना

विज्ञान भी यह मानता है कि शव दाह के बाद नहाना जरुरी है क्योंकि जब भी किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो उसके शव में कई तरह के बैक्टीरिया हावी हो जाते हैं। शव के संपर्क में आने वाले दूसरे व्यक्तियों के शरीर में भी ये बैक्टीरिया आसानी से फैल सकते हैं। इसके साथ ही दाह संस्कार के बाद पड़ता है जो वहां मौजूद लोगों के शरीर पर भी फैल सकती है। ऐसे में शरीर किसी बैक्टीरिया की चपेट में ना आए इसलिए अंतिम संस्कार के बाद नहाना जरुरी है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो