42 साल की अमिता रजनी अब चल-फिर सकती है। मुंबई की रहने वाली ये महिला 8 साल बाद अपने कमरे से बाहर निकल सकी। जैनेटिक समस्या के चलते अमिता रजनी का वजन 300 किलो तक पहुंच गया था।
साल 2007 से बिस्तर पर पड़ी 42 साल की अमिता रजनी अब चल-फिर सकती है। मुंबई की रहने वाली ये महिला 8 साल बाद अपने कमरे से बाहर निकल सकी।
दरअसल, जैनेटिक समस्या के चलते अमिता रजनी का वजन 300 किलो तक पहुंच गया था और बिस्तर पर लेटे रहने के सिवाय उसके पास और कोई चारा भी ना था। अब ऑपरेशन के बाद उसका वजन 117 किलो तक कम हो गया और ये वजन घटता ही जा रहा है।
अमिता का वजन शुरू से ही ज्यादा नहीं था। 28 सदस्यीय संयुक्त परिवार में जन्मी अमिता जन्म के समय महज 3 किलो की थी। अमिता कहती हैं कि जब वह 6 साल की थी, तभी से उसका वजन बढऩा शुरू हो गया। कक्षा 10 तक आते-आते वजन 128 किलो आ गया।
अमिता की मां ममता इस मोटापे को आनुवांशिक बताती हैं। उनका कहना है कि
अमिता की दादी 250 किलो की थीं। अमिता के पिता अविनाश को भी 40 साल पहले
सर्जरी करानी पड़ी थी। पिछले साल जब उनका निधन हुआ तो उनका वजन 95 किलो था।
प्लास्टिक सर्जन डॉ. रवीन थाट्टे के मुताबिक ओबेसिटी को लाइफ स्टाइल से नहीं जोड़ा जा सकता। उन्होंने कहा कि कई बार लोग मोटापे के लिए जीवनशैली को दोषी ठहरा देते हैं, लेकिन वाकई में ऐसा नहीं है। ऐसे आरोप लगाए जाने ठीक नहीं हैं। यह ज्यादा जैनेटिक समस्या है।