खतरनाक संक्रमण की वजह से डॉक्टरों ने ग्रेग के दोनों पैरों को घुटने तक काट दिया। इसके साथ ही डॉक्टरों ने ग्रेग के दोनों हाथों को भी काट डाला। डॉक्टरों ने बताया कि यदि समय पर ग्रेग के संक्रमित अंगों को काटा नहीं जाता तो उनकी जान भी जा सकती थी। संक्रमण की वजह से ग्रेग के चेहरे का नक्शा भी पूरी तरह से बिगड़ चुका है। उनके नाक की प्लास्टिक सर्जरी की गई है। ग्रेग के शरीर में फैले capnocytophaga canimorsus नाम के इस खतरनाक संक्रमण के पीछे ग्रेग का कुत्ता हो सकता है। जिसने ग्रेग के पैर को चाट लिया होगा, जिससे यह संक्रमण ग्रेग के शरीर में प्रवेश कर गया।
साल 2014 में जापान द्वारा किए गए एक शोध में पता चला कि यह संक्रमण फैलाने वाला बैक्टीरिया 69 फीसदी कुत्तों और 54 फीसदी बिल्लियों में पाया जाता है। यह बैक्टीरिया कुत्तों या बिल्लियों के काटने, चाटने के अलावा ज़्यादा करीबियों की वजह से भी इंसानी शरीर में प्रवेश कर सकता है। लेकिन ज्यादातर लोगों पर इस बैक्टीरिया का कोई खास असर नहीं पड़ता। फ्रांस द्वारा साल 2003 में किए गए एक अध्ययन के मुताबिक, यह बैक्टीरिया उन लोगों के लिए ज़्यादा गंभीर बीमारी का कारण बनता है, जिन्होंने प्रतिरक्षा प्रणाली से समझौता किया है।