केन्या की झील में दफन है धरती पर जन्मे पहले इंसान का राज, कंकाल से हुआ खुलासा मामला यूक्रेन के स्टिरजावका शहर का है। महिला का नाम जीनिया दिदुख है। वह 83 साल की हैं। पिछले रविवार को वह स्टेज 3 कोमा में चली गई थीं। उनके परिवार वालों ने इलाज के लिए घर पर ही डॉक्टरों को बुलाया। जांच में पता चला कि उनकी हालत गंभीर है और उनके बचने की उम्मींद कम न के बराबर है। इसलिए जीनिया के परिवार वालों ने घर पर उनकी सेवा करने का फैसला लिया। अचानक जीनिया की सांसे थम गईं। घरवालों ने मौत की पुष्टि के लिए डॉक्टर को बुलवाया। उन्होंने जीनिया को मृत घोषित कर उनका मृत्यु प्रमाण पत्र भी दे दिया।
जीनिया के अंतिम संस्कार के लिए कब्र खोदने वाले को बुलाया गया। साथ ही पादरी को भी बुलाया गया। इन प्रक्रिया में करीब 10 घंटे बीत गए। तभी अचानक महिला जिंदा हो गई। इस बात का पता जीनिया की बेटी को सबसे पहले लगा। उनके मुताबिक जब उन्होंने अपनी मां का माथा छुआ, जो गर्म था। तब उन्हें लगा कि उनकी मां अभी जिंदा है। इसके बाद वो उन्हें अस्पताल लेकर गए, जहां पता चला कि वो स्टेज-3 कोमा में थीं। इस अवस्था में व्यक्ति जिंदा रहते हुए भी मृत जैसा लगता है। डॉक्टरों ने लगभग एक हफ्ते तक जीनिया को अपनी देखरेख में रखा, जिसके बाद उन्हें होश आ गया। जीनिया का इलाज करने वाले डॉक्टर व्लादीमीर चेबोतारेव का कहना था कि उन्होंने अपने 37 साल के करियर में ऐसा मामला कभी नहीं देखा।