scriptमोल्योब्का ट्राएंगल एक ऐसा रहस्य, जिसे अब तक कोई सुलझा नहीं पाया! | A Bizarre Anomalous Zone in the Wilds of Russia | Patrika News

मोल्योब्का ट्राएंगल एक ऐसा रहस्य, जिसे अब तक कोई सुलझा नहीं पाया!

Published: Apr 16, 2020 09:59:06 pm

Submitted by:

Vivhav Shukla

दुनियाभर में ऐसी कई जगह हैं, जिनका राज आज तक अनसुलझा है। ऐसी ही एक जगह रूस के पर्म शहर में मौजूद (purm city triangle mystery) है

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नई दिल्ली। यह दुनिया रहस्यों से भरी पड़ी है। विज्ञान भी कुछ रहस्यों (mystery ) को सुलझा नहीं सका है। आज हम आपको कुछ ऐसे ही एक रहस्य के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे जानकर से आप भी हैरान रह जाएंगे। इस रहस्य का नाम है एम-ट्राएंगल है।
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एम-ट्राएंगल को या मोल्योब्का ट्राएंगल ( Molyobka triangle ) के नाम से जानते हैं। ये जगह रूस के पर्म शहर में मौजूद है। जिसे ‘मोल्योब्का’ गांव भी कहते हैं। एक वक्त ये जगह यहां रहने वाले लोगों के लिए पवित्र थी। लेकिन समय के साथ सब कुछ बदल गया। ये जगह दुनिया भर के लिए एक रहस्य बनकर रह गई।
एम-ट्राएंगल ( ( M triangle ) के बारे में कई रहस्य हैं। माना जाता है कि अगर कोई इंसान यहां कुछ दिन गुजार ले तो वह बुद्धिमान बन जाता है। यहां आने के बाद ऐसा एहसास होता है जैसे यहां जरूर कोई चमत्कारी शक्ति है। कहा जाता है कि यहां आने वाला गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति भी अपने आप ठीक हो जाता है।
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इस जगह की सबसे रहस्यमयी बात यहां फोन का काम ना करना है। यहां कई कंपनियों के मोबाइल नेटवर्क मौजूद हैं लेकिन फोन नेटवर्क नहीं पकड़ता है। हालंकी गांव के पास एक ‘मिट्टी का टीला’ जहां पर फोन काम करने लगता है। लेकिन ऐसा सिर्फ इसी जगह पर होता है। इस रहस्यमयी टीले को लोग ‘कॉल बॉक्स’ के नाम से जानते हैं।
इनसब के अलावा एम-ट्राएंगल में बहुत सी ‘असामान्य’ घटनाएं घटती हैं। जैसे बादलों के बीच से धरती पर प्रकाश की एक किरण-पुंज आती हुई प्रतीत होती है, आसमान में अजीब से चिह्न या अक्षर दिखाई देने लगते हैं। यहां अक्सर उड़नतश्तरियों को भी देखा जा सकता है।
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बता दें एम-त्रिकोण 70 वर्ग मील में फैली हुई है। ये जगह साल 1980 में तब चर्चा में आई थी। जब यहां रहस्यमसी आवाजें सुनाई देने लगी थी। शोधकर्ताओं ने यहां ट्रैफिक का शोर यानी आती-जाती गाड़ियों की आवाजें रिकॉर्ड की हैं। चौकाने वाली बात ये है कि यहां से सड़क करीब 40 किलोमीटर दूर है। ऐसे में आवाजें कहां से आती है इसका पता नहीं चल पाता है।
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