काफी हिम्मत करके शाला ने राइमुंडो से अपना सवाल कर ही लिया। शाला ने पूछा कि आखिर वे हर दिन कागज़ में क्या लिखते हैं। शाला के सवाल पर राइमुंडो ने उन्हें वो रद्दी कागज़ का टुकड़ा पकड़ा दिया। शाला ने जैसे ही उस कागज़ में लिखी लाइनों को पढ़ा तो उनके होश उड़ गए। शाला ने देखा कि राइमुंडो ने उस कागज़ के टुकड़े पर एक बेहद ही शानदार कविता लिखी थी।
राइमुंडो की कविता पढ़ने के बाद शाला इस कदर प्रभावित हुई कि उन्होंने राइमुंडे के माथे को चूम लिया। फटे-पुराने और उलझे हुए बाल वाले राइमुंडो की किस्मत वहीं से पलट गई। शाला अब रोज़ाना राइमुंडे के पास जाती थीं, और वो उन्हें हर बार एक नई कविता लिखकर देते थे। राइमुंडे की कला से प्रभावित होकर शाला ने उनकी कहानी को अपने फेसबुक अकाउंट से शेयर किया। इतना ही नहीं शाला ने राइमुंडे के नाम का एक फेसबुक पेज भी बना दिया है। जिसपर अचानक फॉलोअर्स की बाढ़-सी आ गई और देखते ही देखते फॉलोअर्स की संख्या दो लाख तक पहुंच गई। फेसबुक पर आप राइमुंडे को Raimundo Arrudo Sobrinho नाम से खोज सकते हैं।
लेकिन किस्मत पलटी थी तो आगे की सच्चाई भी पता चल गई। राइमुंडे कई सालों से नहाए नहीं थे, जिसकी वजह से उनका चेहरा पहचाना नहीं जा सकता था। राइमुंडे के मेकओवर के बाद उनके भाई ने फेसबुक पर उन्हें पहचान लिया, तो मालूम चला कि राइमुंडे एक व्यापारी थे। जो सेना की तानाशाही के दौरान अपने घर से बिछड़ गए थे।