इस मंदिर का नाम महादेवशाल धाम है। ये झारखंड के गोइलकेरा में स्थित है। बताया जाता है कि आज से करीब 150 साल पहले कुछ मजदूर रेल लाइन बिछाने के लिए उस जगह की खुदाई कर रहे थे। तब उन्हें जमीन के अंदर एक शिवलिंग मिला था। ये देखते ही मजदूरों ने काम रोक दिया था। ऐसे में ब्रिटिश इंजीनियर रोबर्ट हेनरी ने खुद ही उनसे फावड़ा लेकर शिवलिंग को खंडित कर दिया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि मजदूरों ने इंजीनियर को समझाने की काफी कोशिश की थी, लेकिन वह किसी की सुनने को तैयार ही नहीं हुआ। स्थानीय लोगों के मुताबिक इस घटना के कुछ समय के बाद ही इंजीनियर की मौत हो गई। साथ ही वहां मौजूद मशीने भी खराब हो गईं। इस घटना के बाद सरकार को मजबूरन रेलवे रूट को बदलवाना पड़ा। आगे चलकर वहां मंदिर बना दिया जिसकी आज भी आराधना की जाती है।