खास बात ये है कि हमीद ने किसी प्रकार की कोई ट्रेनिंग भी नहीं ली। लेकिन उनके अनुभव, टैलेंट और तकनीक ने उन्हें एक पढ़े-लिखे इंजीनियर के साथ खड़ा कर दिया है। सहुल हमीद मूल रूप से चेन्नई के मेलापुदुवक्दी गांव के रहने वाले हैं, जो अब परिवार का पालन-पोषण और घर के लिए ज़्यादा पैसा कमाने के लिए सऊदी अरब चले गए। सऊदी अरब में बीस साल तक काम करने के बाद उन्होंने वहीं से घर बनाने की विभिन्न तकनीक सीख ली। सऊदी से वापस घर लौटने के बाद उन्होंने इच्छा जताई कि वो अपने परिवार के लिए एक ऐसा घर बनाना चाहते हैं, जिसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सके।
हमीद की इस इच्छा को जानने के बाद उसके परिजन हैरान रह गए कि आखिर ऐसा कैसे संभव हो सकता है। इसके अलावा उनके मन में ऐसे मकान को लेकर कई तरह के डर भी थे। हमीद ने राफ्ट फिटिंग टेक्नोलॉजी की मदद से अपने सपनों का घर बना दिया। हमीद ने 90 सेंटीमीटर मोटे और 1,080 स्क्वेयर फुट के स्लैब तैयार कर घर की नींव सफलतापूर्वक डाल दी। उन्होंने नींव के स्लैब बनाते वक्त उसके नीचे लोहे के रोलर भी डाल दिए, ताकि वे अपने घर को दूसरी दिशा में घुमा भी सकें। अपने सपनों के इस घर में उन्होंने भूतल पर तीन और पहली मंज़िल पर दो बेडरूम बनाए।