ऐसा नज़ारा देख वहां मौजूद सभी लोग काफी हैरान हो गए, क्योंकि पेड़ पर धागा बांधने के लिए आमतौर पर औरतें ही आती हैं। इसके अलावा पेड़ पर धागा बांधने आए सभी मर्द उल्टी दिशा में धागा बांध रहे थे। दरअसल मर्दों का ये समूह अपनी-अपनी पत्नियों से छुटकारा पाने के लिए वहां पहुंचा था। ये सभी मर्द अपनी पत्नियों से पीड़ित हैं जो भगवान से प्रार्थना कर रहे थे कि उन्हें उनकी पत्नियों से छुटकारा दे दें। पेड़ पर धागा बांधते हुए मर्दों ने भगवान से गुहार लगाते हुए कहा कि उन्हें सात जन्मों तो क्या सात सेकंड के लिए भी पत्नी नहीं चाहिए। पत्नी से परेशान इन लोगों को पत्नी पीड़ित समूह के नाम से जाना जाता है।
बता दें कि पत्नियों से परेशान इन मर्दों का एक संगठन है, जिसका नाम ‘पत्नी पीड़ित पति संगठन’ है। तुषार वाखरे नाम के एक संगठन सदस्य ने बताया कि उमकी पत्नियां कानून को आड़े लाकर उन पर अत्याचार करती हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पत्नियों ने उन पर इतने ज़ुल्म किए हैं कि वे अपनी बीवियों के साथ सात जन्म तो क्या, सात सेकंड के लिए भी नहीं रहना चाहते हैं। आज के समय में कई जगहों पर हमें कई मर्दों द्वारा ऐसी बातें सुनने को मिलती हैं कि वे अपनी बीवियों के सामने जाते ही भीगी बिल्ली बन जाते हैं।