घर के मंदिर में प्रतिदिन बड़े अदब के साथ कुरान की पूजा और देखभाल की जाती है। यहां एक और खास बात ये है कि इसे दुनिया का सबसे छोटा कुरान माना जाता है। बालकिशन जी के परिवार का कहना है कि ये दुनिया कि सबसे छोटी कुरान है। इसकी लंबाई 1.8 सेंटीमीटर है और चौड़ाई भी 1.8 सेंटीमीटर है। इसका वजन महज 1.950 ग्राम है। इसमें 258 पन्ने हैं। इनमें कुरान की सारी आयतें लिखी हुई हैं। इसे लैंस की मदद से आसानी से पढ़ा जा सकता है। इस कुरान को एक छोटी सी चांदी की डिब्बी में रखा गया है जो आकार में एक माचिस के डिब्बे से भी छोटा है।
बालकिशन जी इस बारे में बताते हुए कहते हैं कि आज से लगभग 42 साल पहले उनके पिता ने अपनी मृत्यु से पहले उन्हें इसे सौंपा था। उस दौरान उन्होंने बस एक बात कही थी कि कुरान परिवार में खुशहाली और बरकत का प्रतीक है।
उनके पिता ने उन्हें इसे बहुत संभलकर रखने की हिदायत दी थी। उस दिन से आज तक बालकिशन जी इस पवित्र धर्म ग्रंथ की सेवा करते आ रहे हैं। बता दें इस कुरान का नाम राजस्थान बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है।
बालकिशन आशा रखते हैं कि आने वाले समय में ये गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी अपना नाम दर्ज करें।