बचपन से था सांड से लगाव
हो सकता है, कि एक बार यह जानकर आपको भरोसा न हो रहा हो लेकिन हकीकत यही है कि उम्र के जिस पड़ाव में इंसान खुद की पसंद या परिजनों की मर्जी से शादी कर अपना घर बसाने की योजना बनाता है। उस उम्र में यह महिला अपने मकसद के खातिर सब चीजें भूलकर अपने इस सांड की सेवा में लगी थी। सेल्वरानी को बचपन से ही अपने इस सांड से बहुत लगाव था ऐसे में वह अपने इस सांड का पूरा ख्याल रख सके इसलिए शादी तक नहीं की। सेल्वरानी ने अपने इस सांड का नाम रामू रखा है।
रामू करता है अपनी मालकिन के सपने साकार
बता दें, कि तमिलनाडु का पारंपरिक खेल जल्लीकट्टु है। जिसमें सांड का उपयोग काफी बड़ी मात्रा में किया जाता है। बस इसी चाहत में सेल्वरानी भी अपने सांड को खास तौर पर तैयार कर रही है जिससे वह मेडल जीत सके। यही वजह है कि अपने सपने को साकार करने के लिए सेल्वरानी ने कभी परिवार बसाने के बारे में सोचा ही नहीं। सेल्वरानी बीते पांच सालों से रामू को खेल के मैदान में उतार रही हैं और रामू इनमें जीत हासिल कर अपनी मालकिन के सपनों को साकार कर रहा है।