हालांकि कैरेन को अपने जैविक पिता का नाम पता था। लेकिन दक्षिण लंदन के क्रॉयडन के ट्रेवर सिंडेन के लिए उनकी सभी ऑनलाइन खोजबीन से कुछ भी हाथ नहीं लगा।इसी खोजबीन के दौरान उसे यह भी पता चला कि उसके जैविक माता-पिता ने बिना शादी के किशोरावस्था में उसे 1960 के दशक में जन्म दिया था। लोक लाज के डर से उन्होंने उसे अनाथालय को गोद दे दिया था।
फेसबुक ने मिलाया
अपने बच्चों के बड़ा होने के बाद एक बार फिर कैरेन ने माता-पिता की खोज शुरू की। लेकिन 38 साल की लगातार खोजबीन के बाद कुछ भी पता न चलने के कारण उन्होंने उन्हें ढूंढ लेने की उम्मीद छोड़ दी थी। हालांकि किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। एक दिन जब वे facebook पर फ्रेंड सजेशन फीचर को स्क्रॉल कर रही थीं तब उन्हें सुझाए गए दोस्तों की सूची में ट्रेवर सिंडेन नाम के एक व्यक्ति को भी देखा। केंट निवासी सेवानिवृत्त 72 वर्षीय इलेक्ट्रीशियन की शक्ल कैरेन से काफी मिलती-जुलती थी। इसलिए कैरेन ने इस व्यक्ति की फोटो गैलरी को देखना शुरू किया। १1960 के दशक की तस्वीरों को देखने के बाद कैरेन को यह विश्वास हो गया था कि वह अपने पिता का ही चेहरा देख रही थी। कैरेन ने उनमें से एक फोटो पर कमेंट कर उक्त व्यक्ति को सूचित कर दिया।
ट्रेवर ने जब वह कमेंट पढ़ा तो उन्हें याद आ गया कि उनके एक बेटी थी जिसे वे कभी अपना नहीं सके थे। लेकिन बाद के सालों में उन्हें कभी उस बेटी की कोई जानकारी नहीं मिल सकी। कुछ हफ्तों तक बातचीत करने के बाद ट्रेवर और कैरेन ने बीते साल नवंबर में मिलने का फैसला किया। दोनों उसी जगह मिले जहां कभी ट्रेवर कैरेन की मां के साथ जवानी के दिनों में घूमने आते थे। दोनों ने मिलने पर एक-दूसरे को गौर से देखा। पुरानी बातों को याद किया और कैरेन की मां के बारे में बातें की। दोनों को ऐसा अहसास हुआ मानो वे कभी बिछड़े ही नहीं थे। उनकी कहानी जानने वाला हर व्यक्ति इस बात से खुश है कि 56 साल अलग रहने के बाद ही सही कैरेन अपने पिता से मिल सकीं और दोनों बहुत खुश हैं।