कई देशों के किसान रोबोट व ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। फोर्ब्स की मानें तो ब्रिटेन के करीब 60 फीसदी किसान सेंसर व सैटेलाइट जैसी अति उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
इससे भविष्य की खेती की झलक मिल जाती है। आइए डालते हैं भविष्य की खेती के तौर-तरीकों और तकनीकों पर नजर।
ट्रंप के अरमानों पर फिरा पानी, मुसलमानों का DATA देने से ट्विटर ने किया इनकार ड्रोन तकनीक से खेतों में दवाओं का छिड़काव… ड्रोन अब सिर्फ पिज्जा डिलिवरी व जंग के मैदान में बम बरसाने का ही काम नहीं कर रहे। अब वह खेती में काम आ रहे हैं।
इंडोर खेत दुनियाभर के प्रगतिशील किसान पारंपरिक खेती से निकलकर इंडोर खेती या ग्रीन हाउस खेती की तरफ तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं। पूर्वी जापान के मियागी प्रांत में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण निर्माता कंपनी सोनी ने 25,000 वर्ग फीट में इंडोर खेती की शुरुआत की है।
इंडोर फार्म्स में फ्लोरोसेंट या एलईडी प्रकाश का इस्तेमाल किया जाता है। प्रकाश से ही वह फॉम्र्स की तापमान, आर्द्रता और सिंचाई को नियंत्रित करते हैं। सोनी की 15 मंजिलों वाली इस फॉर्म में वनस्पतियों को उपजाने के लिए 18 रैक लगाए गए हैं। इसमें 17 हजार 500 एलईडी बल्ब लगाए गए है।
रोबोट से दवा छिड़काव रोबोट व ड्रोन से बड़े-बड़े फार्महाउसों में उर्वरकों और कीटनाशकों का छिड़काव किया जा रहा है। स्मार्टफोन से नियंत्रित होने वाले ये खेती का एनालिसिस भी करते हैं।
यहां ठगों ने ही बना लिया फर्जी अमरीकी दूतावास, कई वर्षों से बांट रहे पासपोर्ट-वीजा स्मार्ट एग्रीकल्चर सिस्टम से भारतीय खेती का नक्शा बदल सकता है। ड्रोन से खेत में नमी की रियल टाइम जानकारी रखी जा सकती है। तकनीक से कृषि उत्पादन बढ़ेगा। प्रो. डेविड हालिवेल, आस्ट्रेलिया में सेंटर फॉर रीजनल एंड रूरल फ्यूचर के डायरेक्टर व प्रोफेसर
सेंसर तकनीक सेंसर की मदद से कई देशों के किसान फसल की रियल टाइम जानकारी जुटा रहे हैं। इससे पौधों को कब, कितने खाद-पानी की जरूरत है, किसानों घर बैठे इसकी जानकारी ले लेते हैं।
ड्राइवरलेस ट्रैक्टर ड्राइवरलेस ट्रैक्टर तकनीक को रोबोटिक फॉर्मिंग में अहम पड़ाव साबित हुआ है। इन्हें स्मार्टफोन या लैपटाप के जरिये दूर से ही नियंत्रित किया जा सकता है। कई देश इसका प्रयोग कर रहे हैं।
वर्टिकल फॉर्मिंग एक अनुमान है कि 2050 तक 80 प्रतिशत आबादी शहरों में रह रही होगी। तब खेती का रकबा सिकुड़ चुका होगा। ऐसे में इमारतों के ऊपर खेती करने का ही एकमात्र विकल्प बचेगा।